रेल
मंत्री सुरेश प्रभु ने आम जनता की रेल यात्रा को और सुखद बनाने के लिए एक
मेगा प्रॉजेक्ट लॉन्च किया है. इसके तहत करीब 40 हजार पुराने कोचों का
कायाकल्प किया जाएगा. सरकार के इस मिशन रेट्रो फिटमेंट प्रॉजेक्ट (Mission
Retro-Fitment) के तहत भारतीय रेलवे अपनी रेलों के कोचों का न सिर्फ
इंटीरियर बदलेंगी बल्कि कई प्रकार के सेफ्टी फीचर्स भी प्रोवाइड करवाएंगी.
साथ ही एलईडी लाइट्स, ब्रैंडेड फिटिंग्स, धुएं से ही बज उठने वाले अलार्म
इसके मिशन के तहत लगाए जाएंगे.
भारतीय रेलवे दरअसल 40 हजार कोचों के इंटीरियर को साल 2022- 23 तक अपग्रेड करने की योजना बना रही है. स कार्ययोजना को लागू करने पर प्रति कोच 30 लाख रुपये का खर्च अनुमानत: आएगा.
रेलवे का कहना है कि कोच रिहेबिलिटेशन वर्कशॉप (भोपाल) के तहत 57 कोचों का पहले ही नवीनीकरण किया जा चुका है. ये नए कोच वाराणसी-नई दिल्ली महामना एक्सप्रेस में चल रहे हैं. इन्हें 22 जनवरी 2016 को इस ट्रेन में फिट कर दिया गया है.
इस प्रॉजेक्ट के तहत एलईडी लाइटें, मॉड्यूलर टॉयलेट, ब्रैंडेड फिटिंग, खिड़कियों की बेहतरीन झिल्लियां भी लगाए जाएंगे. सेफ्टी फीचर्स भी बेहतर किए जाएंगे. धुएं और आग को 'सूंघ' लेने वाले उपकरण लगाए जाएंगे, हालांकि ये केवल नए बनाए जाने वाले एसी कोच में होंगे.
नवीनीकृत कोचों में बॉयो टॉयलेट होंगे. पैसेंजर्स का पता-सूनचा सिस्टम होगा, ब्रेल लिपि में साइबोर्ड होंगे, लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग के पॉइंट बढ़ाए जाएंगे. चों के नवीनीकरण के लिए बेहतरीन कच्चे माल का प्रयोग किया जाएगा जैसे कि पॉलीकार्बोनेट एबीएस, ग्लास फाइबर जिस पर प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील होगा. ऐसे की कुछ और फीचर्स होंगे.
भारतीय रेलवे दरअसल 40 हजार कोचों के इंटीरियर को साल 2022- 23 तक अपग्रेड करने की योजना बना रही है. स कार्ययोजना को लागू करने पर प्रति कोच 30 लाख रुपये का खर्च अनुमानत: आएगा.
रेलवे का कहना है कि कोच रिहेबिलिटेशन वर्कशॉप (भोपाल) के तहत 57 कोचों का पहले ही नवीनीकरण किया जा चुका है. ये नए कोच वाराणसी-नई दिल्ली महामना एक्सप्रेस में चल रहे हैं. इन्हें 22 जनवरी 2016 को इस ट्रेन में फिट कर दिया गया है.
इस प्रॉजेक्ट के तहत एलईडी लाइटें, मॉड्यूलर टॉयलेट, ब्रैंडेड फिटिंग, खिड़कियों की बेहतरीन झिल्लियां भी लगाए जाएंगे. सेफ्टी फीचर्स भी बेहतर किए जाएंगे. धुएं और आग को 'सूंघ' लेने वाले उपकरण लगाए जाएंगे, हालांकि ये केवल नए बनाए जाने वाले एसी कोच में होंगे.
नवीनीकृत कोचों में बॉयो टॉयलेट होंगे. पैसेंजर्स का पता-सूनचा सिस्टम होगा, ब्रेल लिपि में साइबोर्ड होंगे, लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग के पॉइंट बढ़ाए जाएंगे. चों के नवीनीकरण के लिए बेहतरीन कच्चे माल का प्रयोग किया जाएगा जैसे कि पॉलीकार्बोनेट एबीएस, ग्लास फाइबर जिस पर प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील होगा. ऐसे की कुछ और फीचर्स होंगे.
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