सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों की वजह से देश के किसान इस दीवाली को 'काली दीवाली' के तौर पर मनाने को मजबूर हैं. सरकार की वजह से किसानों को उनकी फसल के लिए सरकार द्वारा ही तय किया गया न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.
Updated : October 27, 2019 07:07 IST
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने दीवाली संदेश में मोदी सरकार को राजधर्म की याद दिलाई है. सरकार पर हमला करते हुए सोनिया गांधी ने खास तौर पर किसानों की मौजूदा हालात को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों की वजह से देश के किसान इस दीवाली को 'काली दीवाली' के तौर पर मनाने को मजबूर हैं. सरकार की वजह से किसानों को उनकी फसल के लिए सरकार द्वारा ही तय किया गया
न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है. बता दें कि न्यूनतम समर्थन में वह राशि है जिसपर सरकार किसानों से फसल खरीदती है. सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को पिछले साल उनके द्वारा किए गए उस वादे की भी याद दिलाई जिसमें उन्होंने किसानों को 50 फीसदी ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बात कही थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज स्थिति यह है कि किसानों को अपनी खरीफ की फसल सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य से 22.5 फीसदी कम कीमत पर बेचनी पड़ रही है. सरकार की इस नीति से किसानों को 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने सत्ता में आने के साथ ही किसानों के साथ धोखा करने की नीति पर काम करना शुरू कर दिया था. सोनिया गांधी ने सरकार पर किसानी से जुड़ी चिजों पर जीएसटी लगाने का भी विरोध किया. साथ ही उन्होंने डीजल की कीमत में आए दिन हो रहे इजाफे को भी गलत बताया. उन्होंने कहा कि इसका सीधा असर किसानों की आय पर पड़ता है.
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इससे पहले भी सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पार्टी के महासचिवों, राज्यों के प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक की थी. कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस बैठक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, केसी वेनुगोपाल और एके एंटनी समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता शामिल हुए. माना जा रहा था कि आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिए यह बैठक बुलाई गई. सोनिया गांधी ने इस बैठक में कहा कि लोकतंत्र खतरे में है और 2019 के जनादेश का खतरनाक तरीके से गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि सरकार राजनीतिक बदले के लिए नेताओं को झूठे आरोप में फंसा रही है. उन्होंने कहा था कि ये सब देश की खराब आर्थिक हालत से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है.
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