Tuesday, October 29, 2019

मोदी सरकार के PR स्टंट का हिस्सा नहीं बनना चाहता था: सांसद क्रिस डेविस

क्रिस डेविसयूरोप के सांसदों का एक दल भारत प्रशासित कश्मीर के दौरे पर है. यूरोपियन पार्लियामेंट के सदस्य क्रिस डेविस को भी इस दल के साथ आना था लेकिन उनका दावा है कि उन्हें दिया गया न्योता बाद में वापस ले लिया गया और उन्हें पैनल में जगह नहीं दी गई.

उत्तर पश्चिम इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाले डेविस के मुताबिक इस दौरे के लिए उन्होंने भारतीय प्रशासन के सामने एक शर्त रखी थी. वो शर्त ये थी कि कश्मीर में उन्हें 'घूमने-फिरने और लोगों से बातचीत करने की आज़ादी दी जाए'.

डेविस ने बीबीसी से ख़ास बातचीत में कहा, "मैंने कहा कि मैं कश्मीर में इस बात की आज़ादी चाहता हूं कि जहां मैं जाना चाहूं जा सकूं और जिससे बात करना चाहूं, उससे बातचीत कर सकूं. मेरे साथ सेना, पुलिस या सुरक्षा बल की जगह स्वतंत्र पत्रकार और टेलीविजन का दल हो. आधुनिक समाज में प्रेस की स्वतंत्रता बेहद अहम है. किसी भी परिस्थिति में हम समाचारों में कांट छांट की इजाज़त नहीं दे सकते हैं. जो कुछ हो रहा है उसके बारे में सचाई और ईमानदारी से रिपोर्टिंग होनी चाहिए."

डेविस के मुताबिक इसी अनुरोध के कुछ दिन बाद उन्हें भेजा गया कश्मीर दौरे का न्योता वापस ले लिया गया.

भारत प्रशासित कश्मीर की राजधानी श्रीनगर पहुंचे यूरोपीय यूनियन के 27 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का काफिला.इमेज कॉपीरइटEUROPEAN PHOTOPRESS AGENCY
Image captionभारत प्रशासित कश्मीर की राजधानी श्रीनगर पहुंचे यूरोपीय यूनियन के 27 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का काफिला.

मोदी समर्थक संगठन ने दिया था न्योता

डेविस के मुताबिक उन्हें कश्मीर दौरे का न्यौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समर्थक कथित 'वूमेन्स इकॉनमिक एंड सोशल थिंक टैंक' की ओर से मिला था. इसमें ये स्पष्ट किया गया था कि दौरे के इंतजाम भारतीय प्रशासन के सहयोग से किए जा रहे हैं.

उन्होंने बताया, "आयोजकों ने शुरुआत में कहा कि 'थोड़ी सुरक्षा' जरूरी होगी लेकिन दो दिन के बाद मुझे बताया गया कि न्योता रद्द किया जा रहा है क्योंकि दौरे में लोगों की संख्या 'पूरी' हो गई है और मेरा न्योता पूरी तरह से वापस ले लिया गया."

क्रिस डेविसइमेज कॉपीरइटCHRIS DAVIES MEP/TWITTER
Image captionक्रिस डेविस

न्योता वापस होने को लेकर उन्हें क्या कारण बताया गया, इस सवाल के जवाब में डेविस ने कहा कि उन्हें लगता है कि आयोजकों को उनकी शर्तें ठीक नहीं लगीं.

उन्होंने कहा, " मैं मोदी सरकार के पीआर स्टंट में हिस्सा लेने और ये दिखाने को तैयार नहीं था कि ऑल इज़ वेल. मैंने अपने ईमेल के जरिए उनके सामने ये पूरी तरह से साफ कर दिया था. अगर कश्मीर में लोकतांत्रिक सिद्धातों को कुचला जाता है तो दुनिया को इसका संज्ञान लेना चाहिए. वो क्या है जो भारतीय सरकार को छुपाना है? वो पत्रकारों और दौरा करने वाले नेताओं को स्थानीय लोगों से आज़ादी से बातचीत करने की इजाज़त क्यों नहीं देगें? उनके जवाब से लगता है कि मेरे अनुरोध को पसंद नहीं किया गया."

क्रिस डेविस ने ये भी बताया कि वो जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहां 'दसियों हज़ार लोग कश्मीरी विरासत का हिस्सा हैं और कई लोगों के रिश्तेदार कश्मीर में हैं.' उन्होंने बताया कि कश्मीरियों को प्रभावित करने वाले कई मुद्दे उनके सामने उठाए गए. उनमें संचार माध्यमों पर लगाई गई पाबंदी का मुद्दा भी शामिल है.

भारतीय सुरक्षा बलइमेज कॉपीरइटAFP/GETTY IMAGES

'नहीं हुई हैरत'

इस दौरे से वो क्या हासिल करने के इरादे में थे, इस सवाल पर डेविस ने कहा, "मैं ये दिखाना चाहता था कि कश्मीर घाटी में बुनियादी आज़ादी फिर से कायम हो गई है. लोगों की आवाजाही, राय जाहिर करने या फिर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन के अधिकार पर कोई पाबंदी नहीं है. लेकिन अगर ईमानदारी से कहा जाए तो मुझे कभी यकीन नहीं था कि हक़ीकत में ये दिखेगा. ये एक तरह की परीक्षा थी कि क्या भारतीय सरकार अपने कदमों की स्वतंत्र समीक्षा की इजाज़त देने को तैयार है."

डेविस ने कहा कि कश्मीर दौरे का न्योता वापस लिए जाने पर वो 'हैरान नहीं' थे.

उन्होंने कहा, "मुझे शुरुआत से ही ये दौरा पीआर स्टंट की तरह लगा जिसका मक़सद नरेंद्र मोदी की मदद है. मुझे लगता है कि कश्मीर में भारतीय सरकार के कदम महान लोकतंत्र के उम्दा सिद्धातों के साथ छल की तरह हैं और मैं मानता हूं कि दुनिया जितना कम इस स्थिति पर ध्यान देगी, वो उतना ही खुश होंगे."

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सही जानकारी नहीं

कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर वो क्या सोचते हैं, ये पूछने पर क्रिस डेविस ने कहा, "कश्मीर में "जो कुछ" हो रहा है, हमें उसकी सटीक जानकारी नहीं है लेकिन हम लोगों को जेल में डालने, मीडिया पर पाबंदी, संचार माध्यमों पर कड़ी पाबंदी और सेना के नियंत्रण के बारे में सुनते हैं. सरकार की कार्रवाई को लेकर चाहे जितनी भी सहानुभूति हो, ये चिंता भी होनी चाहिए कि ये क़दम सांप्रदायिक पूर्वाग्रह से प्रेरित है. मुस्लिम, हिंदू राष्ट्रवाद को प्रभावी तंत्र के तौर पर देख रहे हैं और ये भविष्य के लिए अच्छा नहीं है. इन दिनों राष्ट्रों के बीच शांति का महत्व तेज़ी से निष्प्रभावी हो रहा है."

लंदन में हाल में कश्मीर मुद्दे पर हुए प्रदर्शन के दौरान अंडे और पत्थर फेंके जाने को लेकर उन्होंने कहा कि वो शांति पूर्व प्रदर्शनों का समर्थन करते हैं लेकिन ये मानते हैं कि किसी भी तरह की चीज का इस्तेमाल जो लोगों को नुकसान पहुंचा सकती है, वो 'गैरक़ानूनी और ग़लत है'.

सावरकर को भारत रत्न देना आज़ादी के नायकों का अपमान है

सावरकर को भारत रत्न देना आज़ादी के नायकों का अपमान है

क्या ऐसा शख़्स, जिसने अंग्रेज़ सरकार के पास माफ़ीनामे भेजे, जिन्ना से पहले धर्म के आधार पर राष्ट्र बांटने की बात कही, भारत छोड़ो आंदोलन के समय ब्रिटिश सेना में हिंदू युवाओं की भर्ती का अभियान चलाया, भारतीयों के दमन में अंग्रेज़ों का साथ दिया और देश की आज़ादी के अगुआ महात्मा गांधी की हत्या की साज़िश का सूत्रसंचालन किया, वह किसी भी मायने में भारत रत्न का हक़दार होना चाहिए?
वक्त की निहाई अक्सर बड़ी बेरहम मालूम पड़ती है. अपने-अपने वक्त के शहंशाह, अपने-अपने जमाने के महान रणबांकुरे या आलिम सभी को आने वालों की सख्त टीका-टिप्पणियों से रूबरू होना पड़ा है.
बड़ी से बड़ी ऐतिहासिक घटनाएं- भले जिन्होंने समूचे समाज की दिशा बदलने में अहम भूमिका अदा की हो- या बड़ी से बड़ी ऐतिहासिक शख्सियतें- जिन्होंने धारा के विरुद्ध खड़ा होने का साहस कर उसे मोड़ दिया हो – कोई भी कितना भी बड़ा हो उसकी निर्मम आलोचना से बच नहीं पाया है.
यह अकारण ही नहीं कहा जाता कि आने वाली पीढ़ियां पुरानी पीढ़ियों के कंधों पर सवार होती हैं. जाहिर है वे ज्यादा दूर देख सकती हैं, पुरानी पीढ़ियों द्वारा संकलित, संशोधित ज्ञान उनकी अपनी धरोहर होता है, जिसे जज्ब कर वे आगे निकल जा सकती हैं.
समाज की विकास यात्रा को वैज्ञानिक ढंग से देखने वाले शख्स के लिए हो सकता है यह बात भले ही सामान्य मालूम पड़े, लेकिन समाज के व्यापक हिस्से में जिस तरह के अवैज्ञानिक, पश्चगामी चिंतन का बोलबाला रहता है, उसमें ऐसी कोई भी बात उसे आसानी से पच नहीं पाती.
घटनाओं और शख्सियतों का आदर्शीकरण करने की, उन्हें अपने दौर और अपने स्थान से काटकर सार्वभौमिक मानने की जो प्रवृत्ति समाज में विद्यमान रहती है, उसके चलते समाज का बड़ा हिस्सा ऐसी आलोचनाओं को बर्दाश्त नहीं कर पाता.
वैसे बात-बात पर आस्था पर हमला होने का बहाना बनाकर सड़कों पर उतरने वाली हुड़दंगी बजरंगी मानसिकता भले ही ऐसी प्रकट समीक्षा को रोकने की कोशिश करे, लेकिन इतिहास इस बात का साक्षी है कि कहीं प्रकट- तो कहीं प्रच्छन्न रूप से यह आलोचना निरंतर चलती ही रहती है और उन्हीं में नये विचारों के वाहक अंकुरित होते रहते हैं, जो फिर समाज को नये पथ पर ले जाते हैं.
फिलवक्त विनायक दामोदर सावरकर- जिन्हें उनके अनुयायी ‘स्वातंत्रयवीर’ नाम से पुकारते हैं, जो युवावस्था में ही ब्रिटिश विरोधी आंदोलन की तरफ आकर्षित हुए थे, जो बाद में कानून की पढ़ाई करने के लिए लंदन चले गए, जहां वह और रैडिकल राजनीतिक गतिविधियों में जुड़ते गए थे- इसी किस्म की पड़ताल के केंद्र में है.
इसकी फौरी वजह सूबा महाराष्ट्र के चुनावों के लिए सत्ताधारी भाजपा द्वारा किया गया यह वादा है कि वह उन्हें भारत रत्न से नवाजना चाहती है. ऐसा नहीं है कि उन्हें सम्मानित करने की बात पहली दफा उठी है या उनकी उपेक्षा होने की बात की चर्चा पहली दफा चली है.
जनाब उद्धव ठाकरे, जो अपने पिता की मौत के बाद अब शिवसेना के मुखिया हैं और फिलवक्त जिनकी पार्टी भाजपा की जूनियर सहयोगी के तौर पर सक्रिय है, ने चुनावों के ऐन पहले एक किताब के विमोचन के वक्त यहां तक कहा था अगर ‘वीर सावरकर प्रधानमंत्री बने होते तो पाकिस्तान वजूद में ही नहीं आता.’
उन्होंने अपनी तकरीर में नेहरू को ‘वीर’ कहने से भी इनकार किया और यह एकांतिक किस्म का बयान दिया कि ‘सावरकर ने जिस तरह 14 साल जेल में बिताए उस तरह सिर्फ 14 मिनट ही नेहरू ने जेल में बिताए होते, तो उन्होंने नेहरू को वीर कहा होता.’
क्षेपक के तौर पर बता दें कि उन्होंने एक तरह से यह साफ किया कि यह हक़ीकत कि नेहरू ने अपनी जिंदगी के नौ साल उपनिवेशवादियों की जेल में बिताए और तमाम तकलीफों के बावजूद अपने उसूलों से समझौता नहीं किया उनके लिए कोई मायने नहीं रखती, जहां तमाम स्वयंभू वीरों ने अंग्रेजों के पास माफीनामों की झड़ी लगा दी थी.
http://thewirehindi.com/98705/vd-savarkar-bharat-ratna-indian-freedom-movement/

Monday, October 28, 2019

जर्मन अर्थशास्त्री का दावा-अमेरिका के इशारे पर भारत में हुई नोटबंदी!

इक्नॉमिक्स में पी.एचडी कर चुके हेरिंग पेशे से आर्थिक पत्रकार हैं। उन्होंने ये जानकारियां नोटबंदी से जुड़े अपने एक लेख में दी हैं।
भारत में हुई नोटबंदी अमेरिका के इशारे पर हुई थी। यह कैश पर कड़े हमले जैसा फैसला था। भारत से पहले अमेरिका में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। ऐसा दावा है जर्मनी के अर्थशास्त्री नॉर्बटर् हेरिंग का। इक्नॉमिक्स में पी.एचडी कर चुके हेरिंग पेशे से आर्थिक पत्रकार हैं। उन्होंने ये जानकारियां नोटबंदी से जुड़े अपने एक लेख में दी हैं। जीरोहेज डॉट कॉम (zerohedge.com) जॉर्ज्स वॉशिंग्टन के ब्लॉग में लिखते हैं, ”भारतीयों पर यह हमला होने से चार हफ्ते पहले यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी ऑफ इंटरनेशनल डेवलेपमेंट (यूएसएआईडी) ने ‘कैटलिस्टः कैशलेस पेमेंट पार्टनरशिप’ की स्थापना किए जाने का ऐलान किया था।
हेरिंग आगे लिखते हैं, “14 अक्टूबर का प्रेस स्टेटमेंट बताता है कि कैटलिस्ट यूएसएआईडी और वित्त मंत्रालय के बीच होने वाली अगले चरण की साझेदारी जैसा है। फिलहाल यह बयान अब यूएसएआईडी की आधिकारिक वेबसाइट्स के प्रेस दस्तावेजों में नहीं है। यह और बाकी बयान पहले भले ही उतने खास न लगे हों, लेकिन आठ नवंबर को भारत में की गई नोटबंदी के बाद यह बेहद रोचक लगने लगे थे। कैश पर इतने कड़े हमले के पीछे कौन सी संस्थाएं हैं? कैश से परे रिपोर्ट से जुड़ी प्रेजेंटेशन में यूएसएआईडी ने ऐलान किया कि तकरीबन 35 भारतीयों, अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने यूएसएआईडी और वित्त मंत्रालय के साथ इस पहल पर साझेदारी की।
अर्थशास्त्री के मुताबिक, कैशलेस कैटलिस्ट की वेबसाइट http://cashlesscatalyst.org/ पर इससे जुड़ी कुछ जानकारी मिलती है। वहां अधिकतर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और पेमेंट सेवा मुहैया कराने वाले क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। वे डिजिटल पेमेंट्स या फिर उससे जुड़े डेटा को तैयार कर रुपए कमाना चाहते हैं, जिनमें से अधिकतर डच बैंक सरीखी संस्थाओं के अनुभवी लोग हैं। उन्होंने इसे कैश पर इच्छुक आर्थिक संस्थाओं की जंग (war of interested financial institutions on cash) करार दिया। इसके अलावा बेटर दैन कैश अलाइंस, द गेट्स फाउंडेशन (माइक्रोसॉफ्ट), ओमिद्यार नेटवर्क (ई-बे), द डेल फाउंडेशन मास्टरकार्ड, वीजा और मेटलाइफ फाउंडेशन के लोग भी इस कतार में शामिल हैं।


Sunday, October 27, 2019

JJP नेता अजय चौटाला को मिली फर्लो तो प्रियंका गांधी बोलीं, भ्रष्टाचार धुलाई मशीन...


JJP नेता अजय चौटाला को मिली फर्लो तो प्रियंका गांधी बोलीं, भ्रष्टाचार धुलाई मशीन...

नई दिल्ली : हरियाणा में सरकार के गठन के लिए भाजपा को समर्थन के बाद जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता अजय चौटाला को फरलो मिलने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को तंज कसते हुए कहा कि 'भ्रष्टाचार धुलाई मशीन' चालू है. उन्होंने चौटाला की फरलो मंजूर होने से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ''अखिल भारतीय भ्रष्टाचार धुलाई मशीन चालू आहे!'' इसी मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रोहन गुप्ता ने कहा, "ये न्यू इन्डिया है दोस्तों ! यहां कुर्सी खतरे मे आते ही सब संभव हो जाता है! न कोई कायदा, न कोई कानून,यहां पर है सिर्फ सत्ता बचाने का जूनून!" गौरतलब है कि भाजपा और जजपा ने हरियाणा में मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया है. इस सरकार में भाजपा का मुख्यमंत्री और जजपा के कोटे से उप मुख्यमंत्री होगा.

आपको बता दें कि, जननायक जनता पार्टी नेता दुष्यंत चौटाला के तिहाड़ जेल में बंद पिता अजय चौटाला को फर्लो मिल गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने तिहाड़ जेल के डीजी ने हवाले से लिखा है, 'अजय चौटाला को फर्लो दे दी गई है. वह आज शाम या कल सुबह जेल से बाहर आ जाएंगे. उन्हें दो सप्ताह की फर्लो दी गई है.' बता दें, कैदियों को मिलने वाली जेल से छुट्टियों को फर्लो कहा जाता है, यह छुट्टी कैदी द्वारा वजह बताने के बाद ही दी जाती है. वहीं, अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत की पार्टी जननायक जनता पार्टी से गठबंधन करते भाजपा हरियाणा में नयी सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. जेजेपी ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 10 सीट हासिल की है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने दीवाली संदेश में सरकार पर साधा निशाना, कहा- आपको राजधर्म निभाने पर...

सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों की वजह से देश के किसान इस दीवाली को 'काली दीवाली' के तौर पर मनाने को मजबूर हैं. सरकार की वजह से किसानों को उनकी फसल के लिए सरकार द्वारा ही तय किया गया न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने दीवाली संदेश में सरकार पर साधा निशाना, कहा- आपको राजधर्म निभाने पर...


Saturday, October 26, 2019

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पीएम मोदी से कहा, भगत सिंह को दें भारत रत्न

कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को दिया जाए। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में तिवारी ने कहा है, 'भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के प्रति अपने अविश्वसनीय प्रतिरोध से देशभक्तों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है।' 
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 25 अक्टूबर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है, 'मैं इस तथ्य की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के प्रति अपने अविश्वसनीय प्रतिरोध और बाद में 23 मार्च, 1931 को अपने सर्वोच्च बलिदान से देशभक्तों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है।' इस पत्र में लिखा है, यदि 26 जनवरी, 2020 को इन तीनों को "भारत रत्न" से सम्मानित किया जाता है। तो इन्हें औपचारिक रूप से "शहीद-ए-आजम" से सम्मानित माना जाएगा। उन्होंने मोहाली में स्थित चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम भी शहीद-ए-आजम भगत सिंह हवाई अड्डा करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि ये चीजें 124 करोड़ भारतीयों के दिल और आत्मा को छू लेंगी। इससे पहले एमआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को भारत रत्न दिए जाने की मांग कर चुके हैं। 
Twitter पर छबि देखें
तिवारी ने ये मांग ऐसे समय में की है, जब बीजेपी में विनायक दामोदर सावरकर को भरत रत्न दिए जाने की बात चल रही है। वहीं महाराष्ट्र बीजेपी ने भी अपने घोषणा पत्र में दावा किया था कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो वे केंद्र सरकार से वीर सावरकर को भारत रत्न देने की अपील करेंगे। इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी सावरकर को कुशल व्यक्ति कहा था। उन्होंने सावरकर के लिए कहा था कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका निभाई थी और देश के लिए जेल भी गए थे।

Friday, October 25, 2019

EC ने उत्तराखंड की एक और पश्चिम बंगाल की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का किया ऐलान, 25 नवंबर को होगी वोटिंग

भारतीय निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को उत्तराखंड की एक और पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है। उत्तराखंड की पिथौरागढ़ और पश्चिम बंगाल की कालियागंज, करीमपुर और खड़गपुर सदर सीट 21 नवंबर को मतदान हो गया। सभी सीटों पर मतगणना 28 नवंबर को होगी। पूर्व वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद सीट खाली हुई बता दें कि उत्तराखंड की पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पिछले पांच महीने से खाली है। यह सीट पूर्व वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन से खाली हो गई थी। पंचायत चुनाव की वजह से विधानसभा उपचुनाव नहीं हो सके थे। लेकिन आज चुनाव आयोग ने इस सीट पर चुनाव का ऐलान कर दिया है। पश्चिम बंगाल की कालियागंज सीट विधायक एवं काग्रेस नेता प्रंमथ राय के निधन के बाद खाली हुई थी। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि उनकी बेटी धृतश्री राय काग्रेस-वाम गठबंधन की उम्मीदवार हो सकती है।

Wednesday, October 23, 2019

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को जमानत मिली, आज सोनिया गांधी तिहाड़ जेल मिलने पहुंची थीं

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष (फाइल फोटो)।कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष (फाइल फोटो)।

  • कुछ दिनों पहले शिवकुमार से मिलने राज्यसभा सांसद अहमद पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा भी तिहाड़ पहुंचे थे
  • मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट के तहत ईडी ने शिवकुमार को तीन सितंबर को हिरासत में लिया था


नई दिल्ली. मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद कांग्रेस नेता शिवकुमार को जमानत मिल गई। उनसे मिलने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पहुंची थीं। उनके साथ पार्टी नेता अंबिका सोनी भी थे। कुछ दिनों पहले उनसे मिलने राज्यसभा सांसद अहमद पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा भी पहुंचे थे।
मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट के तहत ईडी ने शिवकुमार को तीन सितंबर को हिरासत में लिया था। कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि शिवकुमार की गिरफ्तारी सरकार द्वारा बदले की राजनीति का एक और उदाहरण है। वो ईडी/सीबीआई और दूसरी सरकारी एजेंसियों का उपयोग चुनिंदा लोगों को निशाना बनाने के लिए कर रही है।
शिवकुमार पर अधिकारियों को गुमराह करने का आरोप
इससे पहले ईडी की तरफ से पक्ष रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने कोर्ट से कहा था कि इनकम टैक्स के छापों में इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि डीके शिवकुमार मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में शामिल रहे हैं। इनसे जुड़े दस्तावेजों की जांच के लिए शिवकुमार की रिमांड जरूरी है। एएसजी ने यह भी कहा कि पिछले कुछ सालो में शिवकुमार के पूरे परिवार की संपत्ति कई गुना बढ़ गई। इसकी जांच के दौरान वे लगातार अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे।

कमलेश तिवारी की मां बोलीं, सीतापुर का आवास और 15 लाख सरकार को मुबारक हो

लखनऊ। के लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या के बाद अंतिम संस्कार के दौरान सरकार को स्पष्ट कर दिया था कि वह अंतिम संस्कार तब तक नहीं करेंगे जब तक न्याय नहीं मिलेगा जिसके चलते प्रशासनिक अधिकारी कमलेश तिवारी के परिवार को मनाने में जुट गए थे और दोनों के ही बीच एक समझौता हुआ था और समझौते के दौरान मुआवजा व एक आवाज देने की बात सरकार की ओर से कही गई थी।

जिसके चलते आज उत्तर प्रदेश की ने उनके परिवारीजन को आर्थित मदद का एलान किया है और मुख्यमंत्री ने कमलेश तिवारी के परिवार की मदद के लिए उनकी पत्नी को 15 लाख रुपये देने के निर्देश दिये हैं साथ ही सीतापुर जिले के महमूदाबाद क्षेत्र में एक आवास देने का भी निर्देश दिया।
लेकिन जब इसकी जानकारी हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की माताजी कुसुम तिवारी का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले और एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार पर उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि और 15 लाख सरकार को ही मुबारक हो हमारी तरफ से।
वे यहीं नहीं रुकी उन्होंने कहा कि भैया हम बिल्कुल संतुष्ट नहीं है ना ही उनके आवास से और ना ही उनके 15 लाख से उन्होंने कहा सीतापुर में तो आवास की बात नहीं हुई थी रहते तो वह लखनऊ में है तो सीतापुर में आवास लेकर क्या करेंगे मैं फिर कह रही हूं कि सीतापुर का आवास पर 15 लाख सरकार को ही मुबारक हो हमने उनको दे दिया है और फिर कह रहे हैं कमलेश तिवारी की जान पर निछावर करके हमने उनको दे दिया।

गौरतलब है कि आज उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की पत्नी को 15 लाख व सीतापुर में एक आवास देने की घोषणा करी थी और प्रशासन को निर्देशित करते हुए पत्र जारी किया था।

Tuesday, October 22, 2019

ITC ने पेश की दुनिया की सबसे महंगी चॉकलेट, जानिए क्या है इसके दाम

नई दिल्ली। विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत समूह ने मंगलवार को दुनिया की पेश की। इसकी कीमत 4.3 लाख रुपए प्रति किलोग्राम है। आईटीसी ने इस चॉकलेट को अपने फैबेल ब्रांड के तहत पेश किया है।
आईटीसी के लक्जरी चॉकलेट ब्रांड फैबेल एक्सिक्विज़िट चॉकलेट ने अपनी सीमित श्रृंखला की पेश की है। इसे दुनिया की सबसे महंगी चॉकलेट बताया गया है।
आईटीसी के मुख्य परिचालन अधिकारी (चॉकलेट, कनफेक्शनरी, कॉफी और नई श्रेणी) खाद्य विभाग अनुज रुस्तगी ने कहा कि फैबेल में हम नया बेंचमार्क स्थापित कर काफी खुश हैं। हमने सिर्फ भारतीय बाजार नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर यह उपलब्धि हासिल की है। हम गिनीस वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गए हैं।

यह सीमित संस्करण हाथ से बने लकड़ी के बॉक्स में उपलब्ध होगा। इनमें 15 ग्राम की 15 ट्रफल्स होंगी। इस बॉक्स की कीमत सभी करों सहित एक लाख रुपए होगी।

PMC बैंक केस: आरोपी राकेश और सारंग वाधवा 24 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में

PMC बैंक केस: आरोपी राकेश और सारंग वाधवा 24 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में

pmc bank
पीएमसी बैंक घोटाले मामले में मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने 2 आरोपियों राकेश वाधवा और सारंग वाधवा की ईडी की हिरासत 24 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी है। इससे पहले अदालत ने दोनों को 22 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेजा था। ईडी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जांच कर रही है। 
पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के ग्राहक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के दक्षिण मुंबई ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी ग्राहकों के बैंक से पैसा निकालने की लिमिट आरबीआई ने तय कर रखी है। 
बता दें कि बैंक के कामकाज में अनियमितताएं और रीयल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिये गये कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने को लेकर उस पर नियामकीय पाबंदी आरबीआई ने लगाई है।

मनी लॉन्ड्रिंग केस : सोनिया गांधी डीके शिवकुमार से मिलने तिहाड़ जेल पहुंची

कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी बुधवार को पार्टी नेता और कनार्टक के पूर्व मंत्री डी के शिवकुमार से मिलने तिहाड़ जेल पहुंच गई हैं। कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार मनी लॉन्ड्रिंग केस में न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। शिवकुमार को ईडी ने लॉन्ड्रिंग केस के एक मामले में 3 सितंबर को गिरफ्तार किया था। उनकी जमानत याचिका कोर्ट में लंबित है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच जारी है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस पॉलिसी से दुनिया परेशान, अमेरिका को भी हो रहा घाटा


Publish Date:Tue, 22 Oct 2019 03:22 PM (IST)
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस पॉलिसी से दुनिया परेशान, अमेरिका को भी हो रहा घाटा
अमेरिकी बिजनेस स्कूलों में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में कमी आई है। कई प्रोग्रामों में छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है।
नई दिल्ली, नेशनल डेस्क Donald Trump Visa policy पिछले हफ्ते अमेरिका के प्रमुख विश्वविद्यालयों के प्रमुख बिजनेस स्कूलों के 50 डीन और 13 सीईओ ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक खुला पत्र लिखकर देश की वीजा नीति और एच-1बी वीजा कार्यक्रम में सुधार की मांग की है। उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ के उस अध्ययन को सही बताया है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी बिजनेस स्कूलों में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में कमी आई है। कई प्रोग्रामों में छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है। गैर लाभकारी संस्था ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन काउंसिल (जीमैक) ने अपनी वेबसाइट पर इस बारे में जानकारी साझा की है। इसमें बताया गया है कि 2016 से 2018 तक अमेरिका के बिजनेस स्कूलों के ज्यादातर प्रोग्रामों में विदेशी छात्रों की संख्या में गिरावट आई है।
आवज्रन पर कठोर बयानबाजी को जिम्मेदार ठहराया2019 की बात करें तो अमेरिकी बिजनेस स्कूलों के 48 फीसद प्रोग्राम ऐसे हैं, जिनमें आवेदन देने वाले दूसरे देशों के छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, केवल 30 फीसद प्रोग्रामों में विदेशी छात्रों के आवेदन बढ़े हैं, जबकि 22 फीसद प्रोग्रामों में कोई बदलाव नहीं आया है। 2018 में 53 फीसद बिजनेस प्रोग्रामों में विदेशी छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई थी, जबकि केवल 28 फीसद प्रोग्रामों में ही वृद्धि हुई थी। 19 फीसद प्रोग्राम ऐसे थे, जिनमें कोई परिवर्तन दर्ज नहीं किया गया था। यानी उनमें विदेशी छात्रों की संख्या स्थिर थी। जीमैक ने इस गिरावट के लिए अमेरिकी वीजा नीतियों, आवज्रन पर कठोर बयानबाजी को जिम्मेदार ठहराया है। इनकी वजह से अंतरराष्ट्रीय छात्र अमेरिका को छोड़कर दूसरे देशों को चुन र
भारत के 28 बिजनेस स्कूलों के मुताबिक, यहां के प्रोग्रामों में आवेदन करने वालों की संख्या लगभग पिछले वर्ष के समान ही है। 46 फीसद प्रोग्राम ऐसे हैं, जिनमें भारतीय छात्रों के आवेदन अधिक आए हैं, जबकि 25 फीसद प्रोग्रामों में छात्रों की संख्या स्थिर हैं।
हालांकि, 29 फीसद प्रोग्रामों में भारतीय छात्रों ने कम रुचि दिखाई है। दूसरी तरफ भारतीय संस्थानों में 12 फीसद प्रोग्राम ऐसे हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि 84 फीसद प्रोग्रामों में विदेशी छात्रों की संख्या स्थिर है। मात्र चार फीसद प्रोग्राम ऐसे हैं, जिनमें विदेशी छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

अगले 10 दिन में SBI चलाएगा आपके बचत खाते पर कैंची, करोड़ों ग्राहकों को लगेगा झटका

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी को देखते हुए बैंक डिपोजिट और फिक्स्ड डिपोजिट (FD) पर ब्याज कम कर दिया है। अब 1 लाख रुपये तक के बैंक डिपोजिट पर 3.50 फीसदी की जगह 3.25 फीसदी का ब्याज मिलेगा। ये नई ब्याज दरें 1 नवंबर 2019 से लागू होंगी। 
एसबीआई बैंक ने बैंक डिपोजिट के अलावा टर्म डिपोजिट और बल्क डिपोजिट पर भी ब्याज दरें क्रमश: 10 बेसिस प्वाइंट और 30 बेसिस प्वाइंट घटा दी हैं। ये नई दर एक से दो साल तक के टर्म डिपोजिट पर लागू होंगी। ये नई दरें 10 अक्टूबर से लागू होंगी। 
एफडी पर ब्याज दरें घटाने के अलावा एसबीआई ने छठी बार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एमसीएलआर (MCLR) घटा दिया है। यानी, अब एसबीआई बैंक का होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि लोन लेना और सस्ता हो जाएगा। अब नई दरों के मुताबिक एमसीएलआर दर 10 अक्टूबर से 8.05 फीसदी होगी। एसबीआई ने ब्याज दरों में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। दिवाली से पहले ब्याज दरों में कटौती कर एसबीआई बैंक ने लाखों ग्राहकों को तोहफा दिया है। 
एसबीआई बैंक की लोन पर नई ब्याज दरें 8.15 फीसदी से घटकर 8.05 फीसदी हो गई है। ये नई दरें 10 अक्टूबर से लागू हो चुकी है। एसबीआई बैंक ने ब्याज दरें आरबीआई (RBI) के रेपो रेट घटाने के बाद किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया  ने लोगों को दिवाली पर एक और तोहफा दिया था। आबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की जिसके बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी से घटकर 5.15 फीसदी हो गई है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (RBI Monetary Policy Meeting) तीन दिन की बैठक की में 4 अक्टूबर रेपो रेट में कटौती की थी। 

SBI ने दिवाली से पहले लाखों ग्राहकों को दिया तोहफा, छठी बार घटाई होम लोन पर ब्याज दरें

Thursday, October 17, 2019

मां के जेवर गिरवी रख देश का नाम बढ़ाने थाईलैंड जाएगी बेटी

shabana volleyball player   photo by hindustan
रामनगर की अंतरराष्ट्रीय सिटिंग वॉलीबाल खिलाड़ी शबाना ने भले ही अपनी प्रतिभा से देश और दुनिया में उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। राज्य सरकार और खेल एसोसिएशन ने इस होनदार दिव्यांग खिलाड़ी की मदद से हाथ खड़े कर दिए हैं।  27 अक्तूबर से थाईलैंड में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने का खर्च उठाने के लिए मजबूरन शबाना मां के जेवर गिरवी रखने जा रही है। रामनगर के मोहल्ला ऊंटपड़ाव खताड़ी निवासी शबाना बाएं पैर से दिव्यांग है। मगर प्रतिभा के बूते वह विदेश तक उत्तराखंड का सीना चौड़ा कर चुकी है।
इंडियन पैरा वॉलीबाल एकेडमी से खेलने वाली शबाना ने 2016 में सिटिंग वॉलीबाल से खेल करियर शुरू किया। 2017, 2018 में उसने चेन्नई में उत्तराखंड की ओर से नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। बेहतर प्रदर्शन पर उसे 2019 में मलेशिया में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चुना गया। शबाना उत्तराखंड की एकमात्र खिलाड़ी है, जिसका चयन थाईलैंड के लिये हुआ। 
* 2016 में सिटिंग वॉलीबाल से खेल करियर शुरू किया।
2017, 018 में उसने नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।
2019 में मलेशिया में होने वाली प्रतियोगिता के लिए चयनित।
19 साल पहले हादसे में हुई दिव्यांग
रामनगर। अंतरराष्ट्रीय सिटिंग वॉलीबाल खिलाड़ी शबाना को 19 साल पहले पैर खोना पड़ा। बताती हैं कि जब वह चार साल की थी, तो एक डंपर ने उसकी दोस्त इंदु को कुचल दिया। उसे बचाने की कोशिश में उसका बांया पैर घुटने से कट गया।
खेल के लिए पहले पढ़ाई अब नौकरी छोड़ी
पीएनजी पीजी कॉलेज से बीए पास शबाना ने बताया कि साल 2016 में उसने खेल के लिए पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद रुद्रपुर की एक कंपनी में काम करने के दौरान मलेशिया प्रतियोगिता में जाने के चलते उसे नौकरी छोड़नी पड़ी।
मलेशिया में मेरा बेहतर प्रदर्शन रहा। इस पर चयनकर्ताओं ने मुझे थाईलैंड के लिए चुना है। रुपये की कमी से परेशान हूं, इसलिए मां के जेवर गिरवी रखने का फैसला लिया है। (शबाना, अंतरराष्ट्रीय सिटिंग वॉलीबाल खिलाड़ी)
हां, रामनगर की शबाना एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। थाईलैंड जाने के लिए सरकार ने आश्वासन दिया है। खेल विभाग की  ओर से शबाना को हरसंभव मदद दी जाएगी। (अख्तर अली, जिला क्रीड़ा अधिकारी)

सीरियाई सेना ने कुर्दो के कब्जे वाले शहर में प्रवेश किया

सीरियाई सेना ने तुकीर् के समीप उत्तरी सीरिया में सांकेतिक रूप से महत्वपूर्ण कुर्दो के कब्जे वाले अयन अल-अरब शहर में प्रवेश किया। समाचार एजेंसी सना ने यह जानकारी दी। एजेंसी ने बुधवार को बताया, “सेना ने उत्तरी सीरिया के अलप्पो प्रांत के दूरदराज के पूवोर्त्तर क्षेत्र में अयन अल-अरब शहर(कोबाना) में प्रवेश किया, जिसका वहां के स्थानीय निवासियों ने स्वागत किया।”
इस बीच लंदन स्थित वॉर मॉनिटर- सीरियन ऑबजवेर्टरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि अयन अल-अरब में सेना ने रूसी सेना के दल के साथ प्रवेश किया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, “सीरिया सेना ने इस शहर में प्रवेश हाल ही में कुर्द बलों और सीरियाई सेना के बीच हुए समझौते के तहत किया है, जिसके तहत उत्तरी सीरिया में कुदोर्ं के कब्जे वाले क्षेत्र के विरुद्ध तुकीर् सेना की मौजूदा कार्रवाई से बचने के लिए कुर्द के कब्जे वाले क्षेत्र को सीरियाई सेना को देने को लेकर समझौता हुआ था।”

Wednesday, October 16, 2019

जम्मू-कश्मीरः फिर नजरबंद किए गए फारूक अब्दुल्ला, न्यायिक हिरासत में भेजी गई बेटी

फारूक अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य घोषित करने और अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन कर रही सिविल सोसाइटी की महिला सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बहन व बेटी समेत 13 महिलाएं शामिल थीं। बाद में पुलिस ने धारा 107 व 151 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें सेंट्रल जेल भेज दिया। वहीं फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया है।
सिविल सोसाइटी की महिला सदस्य मंगलवार की सुबह लाल चौक से सटे प्रताप पार्क में एकत्रित हुईं और हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित दो राज्यों में विभाजित किये जाने को लेकर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बहन सुरैया मट्टू और उमर अब्दुल्ला की बहन सफिया समेत कई महिलाएं शामिल थीं। इन महिलाओं ने प्रताप पार्क से बाहर निकलने की कोशिश की उसी दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यहां पहली बार किसी प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए सीआरपीएफ की महिला बटालियन की तैनाती देखने को मिली।

डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बहन सुरैया ने कहा कि हम कश्मीर की महिलाएं भारत सरकार अनुच्छेद 370 व 35ए को रद्द करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित करने का विरोध करते हैं। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द सियासी बंदियों को रिहा किया जाए, घाटी में नागरिक स्वतंत्रता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को बहाल किया जाए,और ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरी इलाकों से सेना को हटाया जाए।

अयोध्या मामला : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अयोध्या में राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के मामले में सुनवाई पूरी की और अपना फैसला सुरक्षित रखा। पीठ ने 40 दिनों तक सुनवाई के बाद इस मामले में बहस का निष्कर्ष निकाला। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पक्षकारों को तीन दिन का समय दिया है, इस दौरान वह उन तथ्यों को लिखित में दे सकते हैं, जो निर्णय में सहायक हो सकते हैं। बता दें कि बेंच के अन्य सदस्यों में जस्टिस एस ए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस ए नाजीर शामिल हैं।
6 अगस्त से रोजाना सुनवाई शुरू
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस गोगोई ने कहा, 'आज 39 वां दिन है। कल इस मामले में सुनवाई का 40 वां दिन और आखिरी दिन है।' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। इसमें विवादित स्थल को तीन भागों में बटा है। कोर्ट जब इस मामले को मध्यस्थता के जरिए से हल करने में विफल रहा तो 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई शुरू की। वहीं मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह ने कहा कि  'गुडविल जेसचर' के रूप में, मुस्लिम अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ जमीन को केंद्र को साैपने के लिए तैयार हैं। बता दें कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में गठित हुई 3 सदस्यीय मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट का संज्ञान लिया था। तब पीठ ने अपने फैसले में कहा, 'हमें पैनल के चेयरमैन एफ एम आई कालिफुल्ला की तरफ से रिपोर्ट मिली है। इससे यह पता चला है कि मध्यस्थता की कार्यवाही से कोई फायदा नहीं हुआ है। इसलिए हम 6 अगस्त से हर रोज इस मामले की सुनवाई करेंगे। अब मामले की सुनवाई तब तक चलेगी, जब तक कोई नतीजा नहीं निकल जाता है।'
मुस्लिम पक्षकार के वकील ने फाड़ दिया नक्शा

बता दें कि राम-जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने बुधवार को सुनवाई के दौरान अखिल भारतीय हिंदू महासभा द्वारा कोर्ट में प्रस्तुत किए गए उस नक्शे को फाड़ दिया, जिसमें भगवान राम के सटीक जन्मस्थान को चित्रित किया गया था. धवन ने कोर्ट में नक्शे पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह दस्तावेज रिकॉर्ड में नहीं है। अदालत में दस्तावेज को फाड़ने के लिए पांच-जजों की बेंच की अनुमति की मांग करते हुए, धवन ने कहा, ' क्या मुझे इस दस्तावेज को फाड़ने की अनुमति है? क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट है और कोई मजाक नहीं।' यह बात कहने के बाद उन्होंने नक्शा फाड़ दिया।

दिल्ली की अदालत ने INX मीडिया धनशोधन मामले में चिदंबरम के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया

दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बताया कि उसने तिहाड़ जेल में चिदंबरम से पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया है जिसके बाद विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने पेशी वारंट जारी किया।
चिदंबरम सीबीआई द्वारा दर्ज आईएनएक्स भ्रष्टाचार मामले में फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं। ईडी ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में 74 वर्षीय कांग्रेस नेता से पूछताछ के लिए 14 दिन की हिरासत की मांग की है। एजेंसी की ओर से वकील अमित महाजन और एन के मट्टा ने अदालत को बताया कि ईडी अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान चिदंबरम के बयान भी दर्ज किये।
सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक टली
आईएनएक्स मीडिया मामले में कानून कार्रवाई का सामना कर रहे कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की जमानत याचिक को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध शुक्रवार तक के लिए टाल दिया है।  बता दें कि मंगलवार को दिल्ली की अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम से पूछताछ की इजाजत दे दी थी। साथ ही जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी की अनुमति भी दी थी। 

Sunday, October 13, 2019

PMC में फ्रॉड के बाद एक और शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड में फ्राड

देश में बैंकों में पैसा रखना खतरे से खाली नहीं रह गया है। कहीं बैंकर ही पैसा लूट रहे हैं, तो ऑनलाइन फ्रॉड से खाताधारकों को लूटा जा रहा है। शायद ही ऐसा कोई बैंक हो जहां बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से पैसा न लूटा गया हो। यह मामला चाहे पंजाब नैशनल बैंक में नीरव मोदी की लूट का हो या महाराष्ट के दो बैंकों का रहा हो। पीएनबी में लूट के बाद हालांकि खाताधारकों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) में फ्रॉड के बाद जमाकर्ता परेशान हो रहे है। वहीं महाराष्ट्र के पुणे में शुक्रवार को एक और बैंक में घोटाले की खबर सामने आई है। यह है पुणे मुख्यालय वाला शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड। इसमें गड़बड़ी के बाद प्रशासक को नियुक्त कर दिया गया है। लेकिन इस गड़बड़ी के बाद बैंक के करीब 1 लाख ग्राहक प्रभावित हुए हैं। यह अब अपना पूरा पैसा वापस नहीं निकाल पा रहे हैं।

Saturday, October 12, 2019

असलम भाई' के नाम पर दुर्गा पूजा रुकवाने का सच: फैक्ट चेक

वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ''ये व्यक्ति दुर्गा पूजा पंडाल में घुसकर भजन बंद करवाता है और लोगों को कहता है कि यहां पर मोदी नहीं आएगा, कॉलोनी में रहना है तो असलम भाई कहना है.''

दुर्गा पूजाइमेज कॉपीरइटTWIITER

37 सेकंड के इस वीडियो में दिखाई देता है कि नीले रंग की जीन्स ,शर्ट और टोपी पहने एक व्यक्ति अपने एक साथी के साथ दुर्गा पूजा पंडाल की तरफ बढ़ता है और पंडाल में मौजूद लोगों से संगीत बंद करने के लिए कहता है. इसके बाद नीले कपड़े पहना ये व्यक्ति वहां मौजूद लोगों से कहता है कि ''मालोनी में रहना है तो असलम भाई कहना है. यहाँ मोदी जी नहीं आएंगे, असलम भाई ही आएंगे.''

वायरल हो रहे इस वीडियो को मुंबई के मलाड का बताया जा रहा है.

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को अभी तक 50 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका हैं और 25 हज़ार बार शेयर किया गया है.

फैक्ट चेकइमेज कॉपीरइटSWARJYA

बीबीसी के पाठकों ने भी वॉट्सऐप के ज़रिये हमे ये वीडियो भेजा है और इसकी सच्चाई जाननी चाही है.

बीबीसी ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा ये वीडियो को ग़लत और भ्रामक संदेश के साथ फैलाया जा रहा है.

वीडियो की सच्चाई

रिवर्स इमेज सर्च से पता चलता है कि वीडियो में दुर्गा पूजा पंडाल में व्यवधान डालते दिख रहे शख़्स का फ़ेसबुक पर नाम 'आशीष सिंह' है.

फैक्ट चेकइमेज कॉपीरइटFACEBOOK

उनकी फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर वायरल हो रहे वीडियो को भी देखा जा सकता है जिसे उन्होंने 8 अक्तूबर 2019 को शाम साढ़े सात बजे पोस्ट किया था.

उनकी फ़ेसबुक प्रोफइल के अनुसार आशीष एक जिम के मालिक है और साथ में युवा एकता सामाजिक संस्था के उपाध्यक्ष है.

बीबीसी ने जब आशीष से संपर्क किया तो उन्होंने बीबीसी को बताया कि उनका नाम आशीष सिंह है और सोशल वीडियो पर वायरल हो रहा उनका वीडियो मलाड के मालोनी इलाक़े का है.

आशीष ने बीबीसी से बातचीत में कहा, ''मैं ख़ुद एक हिंदू हूँ और वीडियो को केवल मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया था. मेरे वीडियो को कुछ लोग ग़लत संदेश के साथ फैला रहे है जिससे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा जा सके."

आशीष आगे बताते हैं कि वीडियो में वो जिस व्यक्ति के साथ पंडाल में जाते हैं, उनका नाम नदीम शेख़ है और जिस दूसरे व्यक्ति से वो 'असलम भाई' का नाम लेने के लिए कहते हैं, उनका नाम रविशंकर दुबे है.

आशीष ने कहा कि वीडियो के वायरल हो जाने के बाद उन्होंने और रवि ने एक और वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था जिसमें उन्होंने लोगो से अपील की थी कि वो उनका दुर्गा पूजा पंडाल वाला वीडियो ग़लत तरीक़े से शेयर ना करें.

इसके बाद उन्होंने 10 अक्तूबर को मालवानी पुलिस स्टेशन में इस संदर्भ में एक शिकायत भी दर्ज कराई थी.

पुलिस रिपोर्ट, police complain

जिसमें उन्होंने लिखा है- मनोरंजन और दोस्ती में बनाई गई उनके एक वीडियो को कुछ लोगों की ओर से महाराष्ट्र चुनाव के मद्देनज़र ग़लत संदेश के साथ फैलाया जा रहा है जिससे चुनावों में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा जा सके.

#कौन है मलाड के 'असलम भाई'?

आशीष ने बताया कि असलम शेख़ पश्चिम मलाड से कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं और आगामी विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस के टिकट पर मलाड से चुनाव लड़ रहे हैं.

पुलिस को दिए गए बयान में भी आशीष ने असलम शेख़ का ज़िक्र करते हुए कहा था कि उनके वीडियो को क्षेत्र के मौजूदा विधायक असलम शेख़ के ख़िलाफ़ भी ग़लत तरीक़े से प्रसारित किया जा रहा है जबकि विधायक असलम शेख़ का इस वीडियो से किसी तरह का कोई संबंध नहीं है.

चीन को हो रहा कारोबार में फ़ायदा, कितने घाटे में है भारत?

भारत और चीन के बीच कारोबारी और आर्थिक रिश्ते पिछले कुछ सालों में तेज़ी से बढ़े हैं और दोनों देश के बीच कई चीज़ों का व्यापार होता है.

भारत चीन को क्या निर्यात करता है?

भारत चीन को मुख्य रूप से जो चीज़ें बेचता है, वो हैं:

  • कॉटन यानी कपास
  • कॉपर यानी तांबा
  • हीरा और अन्य प्राकृतिक रत्न

चीन, भारत को जो चीज़ें बेचता है, वो हैं:

कारोबार में चीन को ज़्यादा फ़ायदा

भारत और चीन के बीच कारोबार में किस तरह बढ़ोतरी हुई है, इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि इस सदी की शुरुआत यानी साल 2000 में दोनों देशों के बीच का कारोबार केवल तीन अरब डॉलर का था जो 2008 में बढ़कर 51.8 अरब डॉलर का हो गया.

इस तरह सामान के मामले में चीन अमरीका की जगह लेकर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया.

2018 में दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया और दोनों के बीच 95.54 अरब डॉलर का व्यापार हुआ.

चीन में भारत के राजदूत ने जून में दावा किया था कि इस साल यानी 2019 में भारत-चीन का कारोबार 100 बिलियन डॉलर पार कर जाएगा.

कारोबार बढ़ रहा है, इसका यह मतलब नहीं है कि फ़ायदा दोनों को बराबर हो रहा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय के वेबसाइट के मुताबिक, 2018 में भारत चीन के बीच 95.54 अरब डॉलर का कारोबार हुआ लेकिन इसमें भारत ने जो सामान निर्यात किया उसकी क़ीमत 18.84 अरब डॉलर थी.

इसका मतलब है ​कि चीन ने भारत से कम सामान खरीदा और उसे पांच गुना ज़्यादा सामान बेचा. ऐसे में इस कारोबार में चीन को फ़ायदा हुआ.

  • मशीनरी
  • टेलिकॉम उपकरण
  • बिजली से जुड़े उपकरण
  • ऑर्गैनिक केमिकल्स यानी जैविक रसायन
  • खाद