उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका अंदाजा इसी बात
से लगाया जा सकता है कि यहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने के लिए भी सुविधा
शुल्क देना पड़ता है. और रुपए न देने पर रिपोर्ट खराब करने की धमकी दी जाती
है. ताजा मामला शाहजहांपुर
का है. यहां एक युवती की मौत के बाद उसके शव का पोस्टमार्टम करने और अच्छी
रिपोर्ट बनाने के लिए 10 हजार रुपए मांगे गए. यहां तक कि रुपए न देने पर
रिपोर्ट खराब करने की धमकी दी गई.
मामला संज्ञान में तब आया जब पीड़ित ने इसकी शिकायत डीएम से की. इसके बाद स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया. डीएम के आदेश के बाद देर रात सीएमओ ने पैनल के माध्यम से शव का पोस्टमार्टम करवाया.
क्या है मामला?
दरअसल शाजहंपुर की रहने वाली तरन्नुम की शादी एक लड़के के साथ परिवार वालों ने तय की थी. इस दौरान लड़के का उसके घर आना-जाना शुरू गया. इसी बीच दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बन गए. लेकिन बाद में लड़के ने तरन्नुम से रिश्ता तोड़कर किसी और से निकाह कर लिया. इसके बाद तरन्नुम ने इंसाफ के लिए पुलिस के काफी चक्कर लगाए. इतना ही नहीं वही एसपी के जनता दरबार तक गुहार लेकर पहुंची, लेकिन कहीं भी उसकी सुनवाई नहीं हुई. इस बीच तरन्नुम ने पुलिस को जहर खाकर आत्महत्या की बात भी कही. लेकेन पुलिस के ऊपर उसका भी कोई असर नहीं हुआ. सरकारी सिस्टम से हारकर आखिरकार तरन्नुम ने आत्महत्या कर ली.
इसके बाद शुरू हुआ लाश के सौदे का खेल. आरोप है कि जब तरन्नुम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा तो वहां मौजूद फार्मासिस्ट नागर ने अच्छी रिपोर्ट बनाने के लिए 10 हजार रुपए की डिमांड कर दी. परिवार के पास इतना पैसा नहीं था, लिहाजा कई घंटों तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ.
जिसके बाद डीएम से शिकायत की गई. डीएम के निर्देश के बाद सीएमओ ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाया.
इस बारे में जब नागर से पूछा गया तो उन्होंने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि परिवार ने डीएम साहब के सामने लिखित में दिया है कि कोई पैसे की डिमांड नहीं की गई है. आरोप कैसे लगाए गए मुझे नहीं पता.
प्राइवेट कर्मचारी एक शव के लेते हैं 100 से 200 रुपए
बता दें पोस्टमार्टम के लिए आने वाली लाशों पर सिर्फ रिपोर्ट बनाने के नाम पर मोटा सौदा ही नहीं किया जाता है, बल्कि यहां मौजूद प्राइवेट कर्मचारी भी एक शव पर दो सौ रूपये सुविधा शुल्क वसूलते है.
वहां मौजूद प्राइवेट कर्मचारी ने यह बात मानी की वे परिवार से 100 से 200 रुपए तक लेते हैं. क्योंकि उसी से उनका परिवार चलता है.
मामला संज्ञान में तब आया जब पीड़ित ने इसकी शिकायत डीएम से की. इसके बाद स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया. डीएम के आदेश के बाद देर रात सीएमओ ने पैनल के माध्यम से शव का पोस्टमार्टम करवाया.
क्या है मामला?
दरअसल शाजहंपुर की रहने वाली तरन्नुम की शादी एक लड़के के साथ परिवार वालों ने तय की थी. इस दौरान लड़के का उसके घर आना-जाना शुरू गया. इसी बीच दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बन गए. लेकिन बाद में लड़के ने तरन्नुम से रिश्ता तोड़कर किसी और से निकाह कर लिया. इसके बाद तरन्नुम ने इंसाफ के लिए पुलिस के काफी चक्कर लगाए. इतना ही नहीं वही एसपी के जनता दरबार तक गुहार लेकर पहुंची, लेकिन कहीं भी उसकी सुनवाई नहीं हुई. इस बीच तरन्नुम ने पुलिस को जहर खाकर आत्महत्या की बात भी कही. लेकेन पुलिस के ऊपर उसका भी कोई असर नहीं हुआ. सरकारी सिस्टम से हारकर आखिरकार तरन्नुम ने आत्महत्या कर ली.
इसके बाद शुरू हुआ लाश के सौदे का खेल. आरोप है कि जब तरन्नुम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा तो वहां मौजूद फार्मासिस्ट नागर ने अच्छी रिपोर्ट बनाने के लिए 10 हजार रुपए की डिमांड कर दी. परिवार के पास इतना पैसा नहीं था, लिहाजा कई घंटों तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ.
जिसके बाद डीएम से शिकायत की गई. डीएम के निर्देश के बाद सीएमओ ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाया.
इस बारे में जब नागर से पूछा गया तो उन्होंने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि परिवार ने डीएम साहब के सामने लिखित में दिया है कि कोई पैसे की डिमांड नहीं की गई है. आरोप कैसे लगाए गए मुझे नहीं पता.
प्राइवेट कर्मचारी एक शव के लेते हैं 100 से 200 रुपए
बता दें पोस्टमार्टम के लिए आने वाली लाशों पर सिर्फ रिपोर्ट बनाने के नाम पर मोटा सौदा ही नहीं किया जाता है, बल्कि यहां मौजूद प्राइवेट कर्मचारी भी एक शव पर दो सौ रूपये सुविधा शुल्क वसूलते है.
वहां मौजूद प्राइवेट कर्मचारी ने यह बात मानी की वे परिवार से 100 से 200 रुपए तक लेते हैं. क्योंकि उसी से उनका परिवार चलता है.
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