Tuesday, December 7, 2021

भारत विश्वगुरु बनने से मात्र एक महीना दूर!

डॉ. भीमराव आंबेडकर

भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार डॉ. भीमराव आंबेडकर की 65वीं आज पुण्यतिथि है। उनका निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एक बौद्ध गुरु थे, इसलिए उनकी पुण्यतिथि के लिए बौद्ध अवधारणा में ‘महापरिनिर्वाण’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर एक नायक, विद्वान, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक, मनीषी, योद्धा एवं धैर्यवान व्यक्तित्व के धनी थे। वे अनन्य कोटि के नेता थे, जिन्होंने अपना समस्त जीवन समग्र भारत की कल्याण कामना में लगा दिया।
खासकर भारत के 80 फीसदी दलित सामाजिक व आर्थिक तौर से अभिशप्त थे, उन्हें अभिशाप से मुक्ति दिलाना ही डॉ. अंबेडकर का जीवन संकल्प था।
उनका कहना था छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकार वसूल करना होता है।' 
डॉ. अंबेडकर के अलावा भारतीय संविधान की रचना हेतु कोई अन्य विशेषज्ञ भारत में नहीं था। अतः सर्वसम्मति से डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा की प्रारूपण समिति का अध्यक्ष चुना गया।

हम हैं दरिया हमें अपना हुनर मालूम है, 
जिस तरफ निकल जाएंगे, वहीं रास्ता बना लेंगे।
यह उक्ति डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन संघर्ष का प्रतीक है।