Thursday, April 16, 2015

बोस से जुड़ी फाइलें होंगी सार्वजनिक

नई दिल्ली। सुभाष चंद्र बोस से जुड़ीं फाइलें सार्वजनिक की जाएं या नहीं इसे लेकर मोदी सरकार ने कमेटी गठित कर दी है। इस कमेटी में आईबी, गृह मंत्रालय और पीएमओ के अफसर शामिल होंगे। कैबिनेट सचिव इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे।
वहीं नेताजी के पड़पोते चंद्रा बोस ने कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी कमेटी का गठन हो जाएगा वो भी तब जब वो विदेशी दौरे पर हैं। बता दें कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जर्मनी में नेताजी के पड़पोते ने मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद सूर्य बोस ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नेताजी से जुड़ीं फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
गृहमंत्रालय के सूत्रों से खबर है कि गृहमंत्रालय के पास सुभाष चंद्र बोस की क्लासीफाइड फाइलें नहीं हैं। नेताजी से संबंधित कुल 87 क्लासीफाइड फाइले हैं। 58 फाइले पीएमओ के पास और 29 विदेश मंत्रालय के पास है।
आईबीएन7 ने नेताजी के रिश्तेदार सूर्या बोस से बात भी की थी। सूर्या बोस ने मांग की थी कि नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक की जाएं। ऐसी ही मांग को लेकर बोस परिवार ने मंगलवार को कोलकाता में प्रदर्शन किया था। बोस परिवार का दावा है कि राज्य सरकार के पास करीब 64 गोपनीय फाइलें और केंद्र सरकार के पास सौ से ज्यादा गोपनीय फाइलें हैं।
बोस परिवार का ये भी दावा है कि कि नेताजी के परिवार के 23 सदस्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को छह बार पत्र लिखकर राज्य सरकार के पास मौजूद गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने का अपील कर चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

अब भारत को 5 साल तक यूरेनियम देगा कनाडा

ओटावा। कनाडा के साथ संबंधों का एक नया अध्याय शुरू करते हुए भारत ने अपने असैन्य परमाणु कार्यक्रम के लिए करोड़ों डॉलर के यूरेनियम की आपूर्ति के लिए एक समझौता किया। भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा ऑन अराइवल की भी घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर की मौजूदगी में कमेको और भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग ने 35 करोड़ डॉलर के यूरेनियम आपूर्ति के लिए एक समझौता किया। इस समझौते ने भारत र कनाडा के बीच संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत की है। परमाणु परीक्षण के बाद कनाडा ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिए थे और यूरेनियम देने से मना कर दिया था।
समझौते के तहत साल 2020 तक कमेको भारत को 71 लाख पाउंड यूरेनियम की आपूर्ति करेगा। समझौते का स्वागत करते हुए मोदी ने हार्पर के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यूरेनियम समझौता कनाडा का भारत में विश्वास दर्शाता है। उन्होंने ये भी कहा कि यूरेनियम आपूर्ति से भारत के हरित ऊर्जा मिशन को पूरा करने में मदद मिलेगी।
वहीं मोदी ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा मानवता के लिए हमारी वैश्विक जिम्मेदारी है। स्वच्छ ऊर्जा मिशन के लिए यूरेनियम बेहद जरूरी है। इस समझौते से हमारे मिशन के पूरा होने में मदद मिलेगी।

मसरत बोला,'पाक मेरी जान',केंद्र के तेवर सख्त

श्रीनगर। कश्मीर में पत्थरबाजी का मास्टरमाइंड मसरत फिर भारती विरोधी गतिविधियों के लिए विवादों में है। पिछले महीने जेल से रिहा होने के बाद मसरत ने श्रीनगर की रैली में पाकिस्तान के समर्थन में जमकर नारे लगाए। मसरत ने जमात उद दावा के प्रमुख और मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के पक्ष में भी जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उसने भीड़ को संबोधित भी किया। इस दौरान पाकिस्तान के झंडे भी लहराए गए।
इस घटना को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीएम मुफ्ती मो. सईद से बात कर कहा है कि देश की सुरक्षा, संप्रुभता से समझौता नहीं किया जा सकता और मसरत के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही अलगाववादियों को इस तरह की रैली नहीं करने देने को कहा है।
दरअसल हुर्रियत चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी के घाटी पहुंचते ही गिलानी गुट के सभी नेता उसके घर पहुंचे। इसमें हाल ही में जेल से रिहा मसरत आलम भी शामिल था। इस दौरान हुर्रियत के कई कार्यकर्ताओ के हाथों में पाकिस्तानी झंडे थे। लोगों के साथ मसरत आलम भी 'पाकिस्तान मेरी जान' के नारे लगा रहा था। यहां मसरत आलम के अलावा कई लोग पाकिस्तान और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी लश्कर चीफ हाफिज सईद के समर्थन में नारे लगा रहे थे। मामला उछलने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने मसरत के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का केस दर्ज कर लिया है।
मसरत वही है जिसे मुफ्ती सरकार ने पिछले महीने रिहा किया था। इसके बाद उसकी रिहाई को लेकर देशभर में बवाल मच गया था। मसरत वही शख्स है जिसने कश्मीर में पत्थरबाजी को हवा दी थी। आपको बता दें पत्थरबाजी की घटना में कश्मीर में 112 लोग मारे गए थे। इसके बाद अक्टूबर 2010 में तब की उमर सरकार ने उसे जेल में डाला था।